15 अगस्त 1996 को बीजेपी के प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा ने लाल किले से उत्तरांचल के पृथक राज्य के गठन की घोषणा की।
20 मार्च 2000 को उत्तर प्रदेश पुर्नगठन विधेयक या उत्तरांचल पृथक राज्य विधेयक को उत्तर प्रदेश की विधानसभा से पारित किया गया। 27 जुलाई 2000 को उत्तर प्रदेश पुर्नगठन विधेयक को लोकसभा में गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी जी द्वारा पेश किया गया।
1 अगस्त 2000 को उत्तर प्रदेश पुर्नगठन विधेयक लोकसभा से पारित हुआ।
10 अगस्त 2000 को उत्तर प्रदेश पुर्नगठन विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ।
28 अगस्त 2000 को उत्तर प्रदेश पुर्नगठन विधेयक को राष्ट्रपति के.आर. नारायण द्वारा मंजूरी दी गई।
9 नवम्बर 2000 को उत्तरांचल राज्य गठन भारतीय गणतंत्र के 27वें राज्य के रूप में हुआ।
उत्तराखण्ड को विशेष राज्य का दर्जा – 1 अप्रैल 2001 को योजना आयोग की संस्तुति पर 11वें वित्त आयोग ने दिया। सभी हिमालयी राज्यों को विशेष राज्यों का दर्जा प्राप्त है। उत्तराखण्ड का गठन 11वें हिमालयी राज्य के रूप में हुआ। हिमालयी राज्यों के क्रम में उत्तराखण्ड सबसे नवीनतम हिमालयी राज्य है। वर्तमान में हिमालयी राज्यों की संख्या 10 ही है।