उत्तराखंड की नदियाँ राज्य की भौगोलिक और सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये नदियाँ न केवल कृषि और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यटन और ऊर्जा उत्पादन में भी योगदान देती हैं।
1. गंगा नदी
- उत्पत्ति: गंगा नदी का उद्गम गोमुख से होता है, जो गंगोत्री ग्लेशियर के पास स्थित है। यह भागीरथी नामक नदी के रूप में शुरू होती है।
- संगम: देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा का संगम होता है, जिसके बाद इसे गंगा के नाम से जाना जाता है।
- महत्व: गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी मानी जाती है और हिंदू धर्म में इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है।
- प्रमुख स्थान: ऋषिकेश, हरिद्वार, और अन्य धार्मिक स्थल।
2. भागीरथी नदी
- उत्पत्ति: यह गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है।
- महत्व: भागीरथी नदी को गंगा का प्रारंभिक रूप माना जाता है।
- प्रमुख स्थान: उत्तरकाशी और देवप्रयाग।
3. अलकनंदा नदी
- उत्पत्ति: यह नंदा देवी पर्वत के पास सतोपंथ ग्लेशियर से निकलती है।
- संगम: यह देवप्रयाग में भागीरथी से मिलकर गंगा बनाती है।
- प्रमुख स्थान: बद्रीनाथ, रुद्रप्रयाग।
- महत्व: बद्रीनाथ मंदिर इसके किनारे स्थित है।
4. मंदाकिनी नदी
- उत्पत्ति: यह नदी केदारनाथ के पास चोराबाड़ी ग्लेशियर से निकलती है।
- संगम: रुद्रप्रयाग में अलकनंदा से मिलती है।
- महत्व: केदारनाथ मंदिर के पास बहने वाली यह नदी धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
5. यमुना नदी
- उत्पत्ति: यमुना नदी का उद्गम यमुनोत्री ग्लेशियर से होता है।
- महत्व: यह भारत की प्रमुख नदियों में से एक है और कई कृषि क्षेत्रों को जल प्रदान करती है।
- प्रमुख स्थान: यमुनोत्री धाम।
6. सरयू नदी
- उत्पत्ति: यह नदी कुमाऊं क्षेत्र में बहती है और इसका उद्गम नैनीताल जिले के पास होता है।
- महत्व: सरयू नदी को धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।
- प्रमुख स्थान: बागेश्वर।
7. रामगंगा नदी
- उत्पत्ति: यह नदी दूनागिरी क्षेत्र से निकलती है।
- महत्व: यह कुमाऊं क्षेत्र में सिंचाई और जलापूर्ति का प्रमुख स्रोत है।
- प्रमुख स्थान: रामनगर।
8. कोशी नदी
- उत्पत्ति: यह नदी कुमाऊं क्षेत्र में अल्मोड़ा जिले के पास से निकलती है।
- महत्व: इसका उपयोग कृषि और पेयजल के लिए किया जाता है।
- प्रमुख स्थान: हल्द्वानी।
9. गौरीगंगा नदी
- उत्पत्ति: यह नदी मुनस्यारी के पास से निकलती है।
- महत्व: यह नंदा देवी क्षेत्र से होकर बहती है।
- प्रमुख स्थान: धारचूला।
10. काली नदी (शारदा नदी)
- उत्पत्ति: यह नदी कुमाऊं क्षेत्र के नेपाल सीमा पर बहती है।
- महत्व: काली नदी भारत और नेपाल के बीच प्राकृतिक सीमा का कार्य करती है।
- प्रमुख स्थान: टनकपुर।
11. टनकपुर की शारदा नदी
- महत्व: यह नदी उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में जल आपूर्ति करती है।
- विशेषता: यह कृषि और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
12.पिंडर नदी
- उत्पत्ति: यह नदी कफनी ग्लेशियर से निकलती है।
- संगम: यह अलकनंदा से मिलती है।
- महत्व: यह नदी पर्यटन और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- प्रमुख स्थान: कर्णप्रयाग।
उत्तराखंड की नदियों का महत्व
उत्तराखंड की नदियाँ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यावरणीय और आर्थिक दृष्टिकोण से भी अहम हैं:
- जलविद्युत परियोजनाएँ: इन नदियों पर कई जलविद्युत परियोजनाएँ विकसित की गई हैं।
- पर्यटन: धार्मिक स्थलों और जल क्रीड़ा के लिए ये नदियाँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
- कृषि: इन नदियों का पानी कृषि कार्यों के लिए इस्तेमाल होता है।
- जीव विविधता: नदियों के आसपास का क्षेत्र वन्यजीवों और जैव विविधता के लिए उपयुक्त है।