उत्तराखंड में जैविक खेती को तेजी से बढ़ावा मिल रहा है, क्योंकि यहाँ की जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियाँ इसे अपनाने के लिए अनुकूल हैं। राज्य सरकार और विभिन्न संस्थाएँ किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
1. जैविक खेती का महत्व
- रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग किए बिना प्राकृतिक खेती
- मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना
- स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक फसलों का उत्पादन
- जैविक उत्पादों की मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात की संभावना
2. उत्तराखंड में जैविक खेती की शुरुआत
- 2003 में उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य बना जिसने जैविक राज्य बनने की दिशा में काम शुरू किया
- राज्य में जैविक खेती के लिए अलग से नीति बनाई गई
- पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया
3. प्रमुख जैविक फसलें
उत्तराखंड में कई प्रकार की जैविक फसलें उगाई जाती हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- मंडुवा (रागी) और झंगोरा (बार्नयार्ड मिलेट) – पहाड़ी अनाज, पोषण से भरपूर
- उड़द, मसूर, राजमा – जैविक दालों की खेती
- हल्दी, अदरक और धनिया – औषधीय और मसाले वाली फसलें
- सेब, अखरोट और माल्टा – पहाड़ी क्षेत्रों में जैविक बागवानी
- चाय की जैविक खेती – चंपावत, अल्मोड़ा और बागेश्वर में जैविक चाय उत्पादन
4. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रयास
- जैविक खेती बोर्ड का गठन – किसानों को ट्रेनिंग और सहायता देना
- परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) – जैविक खेती के लिए आर्थिक सहायता
- मिशन ऑर्गेनिक डेवलपमेंट इनिशिएटिव (MODI) – ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना
- फसल प्रमाणन योजना – जैविक उत्पादों का प्रमाणन करवाना
5. चुनौतियाँ और समाधान
चुनौतियाँ:
- जैविक उत्पादों की कीमत अधिक होने से बाज़ार की समस्या
- किसानों को जैविक प्रमाणन की जटिल प्रक्रिया
- उत्पादकता में कमी की आशंका
- सिंचाई और जैविक खाद की सीमित उपलब्धता
समाधान:
- सरकार द्वारा जैविक उत्पादों के लिए उचित मूल्य और बाज़ार उपलब्ध कराना
- जैविक खाद और पारंपरिक तकनीकों को बढ़ावा देना
- सहकारी समितियाँ बनाकर किसानों को मदद देना
6. जैविक खेती का भविष्य
उत्तराखंड में जैविक खेती का भविष्य उज्ज्वल है। राज्य सरकार इसे और बढ़ावा दे रही है, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और लोगों को स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ मिलेंगे। जैविक उत्पादों का निर्यात भी बढ़ सकता है, जिससे उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।