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गढ़वाली और कुमाऊँनी भाषा और साहित्य…

गढ़वाली और कुमाऊँनी भाषा और साहित्य उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा हैं। दोनों भाषाएँ पहाड़ी क्षेत्रों की जीवनशैली, परंपराओं और आस्थाओं से गहरे जुड़े हुए हैं। यहाँ इन दोनों भाषाओं और उनके साहित्य के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें दी जा रही हैं:

1. गढ़वाली भाषा

2. कुमाऊँनी भाषा

3. भाषाई और साहित्यिक दृष्टिकोण

4. आजकल का परिदृश्य

इन भाषाओं और उनके साहित्य ने पहाड़ी संस्कृति को अमर किया है, और यह उत्तराखंड की पहचान को जीवित रखता है।

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