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उत्तराखंड की भूगोलिक अस्थिरता और इसका प्रभाव…

उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है जो हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। इसकी सुंदरता जितनी आकर्षक है, भूगोल उतना ही अस्थिर और संवेदनशील भी है। यहाँ भूकंप, भूस्खलन और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्याएँ लगातार बनी रहती हैं।



1. उत्तराखंड में भूगोलिक अस्थिरता के प्रमुख कारण

(क) भूकंप संभावित क्षेत्र

(ख) भूस्खलन और चट्टानों का खिसकना

(ग) ग्लेशियरों का पिघलना और बाढ़ का खतरा


2. पर्यावरण पर प्रभाव

(क) जैव विविधता को नुकसान

(ख) कृषि और जल संसाधनों पर असर

(ग) मौसम के पैटर्न में बदलाव


3. समाधान और भविष्य की रणनीति

(क) स्थायी विकास और निर्माण तकनीक

(ख) पर्यावरण संरक्षण की पहल

(ग) स्थानीय समुदायों की भागीदारी


निष्कर्ष

उत्तराखंड की भूगोलिक अस्थिरता न सिर्फ यहाँ की प्राकृतिक संरचना बल्कि पर्यावरण और लोगों की आजीविका को भी प्रभावित कर रही है। सरकार को सतत विकास योजनाएँ बनानी होंगी, जो इस संवेदनशील क्षेत्र की पारिस्थितिकी को ध्यान में रखकर बनाई जाएँ। साथ ही, स्थानीय लोगों और वैज्ञानिकों को मिलकर काम करना होगा, ताकि उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और पारिस्थितिकी संरक्षित रह सके।

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