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युद्धकालीन ब्लैकआउट (Wartime Blackout) क्या होता है?

युद्ध के समय, जब यह आशंका हो कि दुश्मन देश के शहरों पर हवाई हमला (aerial bombing) कर सकता है, तब सरकार द्वारा पूरे शहर या क्षेत्र में सभी प्रकार की रोशनी बंद करने का आदेश दिया जाता है। इसे ही ब्लैकआउट कहा जाता है।

उद्देश्य:


ब्लैकआउट के समय क्या-क्या होता था?

ब्लैकआउट का नियमविवरण
घरों में लाइट जलाना मनाखिड़कियों पर काले पर्दे या कागज़ लगाना पड़ता था
स्ट्रीट लाइट बंदसड़कों पर अंधेरा छा जाता था
गाड़ियों की हेडलाइट बंद या ढँकीसफर के समय सिर्फ बहुत हल्की रोशनी
सायरन बजानाहमला शुरू होने या खत्म होने का संकेत
सरकारी निगरानी“ब्लैकआउट ऑफिसर” गश्त करते थे, जो नियम तोड़ने वालों को दंडित करते थे

ऐतिहासिक उदाहरण: द्वितीय विश्व युद्ध में ब्लैकआउट

इंग्लैंड:

भारत (ब्रिटिश शासन में):


ब्लैकआउट से जीवन पर प्रभाव:


युद्धकालीन ब्लैकआउट एक रक्षा रणनीति होती थी जिसका उद्देश्य दुश्मन की बमबारी से आम जनता, औद्योगिक क्षेत्र और सैनिक ठिकानों को बचाना था। यह नागरिकों के सहयोग से ही संभव होता था और कई देशों ने इसे युद्ध के दौरान अनिवार्य रूप से अपनाया था।

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