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उत्तराखंड राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2000: एक संवैधानिक विश्लेषण

उत्तराखंड राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2000 (Uttar Pradesh Reorganisation Act, 2000) वह ऐतिहासिक अधिनियम है जिसके माध्यम से उत्तर प्रदेश से अलग होकर 27वें राज्य – उत्तराखंड का निर्माण किया गया। यह अधिनियम संसद द्वारा पारित किया गया और 9 नवम्बर 2000 को प्रभाव में आया।


🔹 प्रमुख तिथियाँ (Key Dates):

घटनातिथि
अधिनियम का पारित होना1 अगस्त 2000
राष्ट्रपति की स्वीकृति28 अगस्त 2000
राज्य का औपचारिक गठन9 नवम्बर 2000

🔹 प्रमुख प्रावधान (Key Provisions):

1. राज्य का नाम व सीमाएँ (Name & Boundaries):

2. राजनीतिक संरचना (Political Structure):

3. न्यायिक व्यवस्था (Judicial Provisions):

4. सेवाओं का विभाजन (Division of Services):

5. आर्थिक एवं वित्तीय व्यवस्था (Financial Setup):

6. अन्य विशेष प्रावधान:


🔹 नाम परिवर्तन (Renaming):


🔹 संविधान से संबंध (Link to Constitution):


🔹 वर्तमान में प्रासंगिकता (Current Relevance):


उत्तराखंड राज्य पुनर्गठन अधिनियम न केवल एक संवैधानिक प्रक्रिया का परिणाम था, बल्कि यह क्षेत्रीय पहचान, प्रशासनिक दक्षता और भू-सांस्कृतिक आवश्यकताओं की स्वीकृति का प्रतीक भी है। यह अधिनियम राज्य निर्माण की प्रक्रिया को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण आधार प्रदान करता है।


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