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“उत्तराखंड में शंकराचार्य की धर्मयात्रा और चारधाम की स्थापना”…

1. परिचय: जगदगुरु शंकराचार्य कौन थे?

जगदगुरु शंकराचार्य 8वीं सदी के महान सन्यासी, दार्शनिक और भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरणकर्ता थे। उन्होंने अद्वैत वेदांत दर्शन को देशभर में फैलाया और विभिन्न धार्मिक व शैक्षिक केंद्रों की स्थापना की।

2. उत्तराखंड यात्रा का उद्देश्य:

उनका मुख्य उद्देश्य था भारत को एक धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता में बाँधना। उत्तराखंड के कठिन और दुर्गम इलाकों में जाकर वे धर्म और अध्यात्म का प्रचार करना चाहते थे।

3. चारधाम की स्थापना:

4. चारधाम यात्रा का आध्यात्मिक महत्व:

5. उत्तराखंड में शंकराचार्य के प्रभाव:

6. चारधाम यात्रा का आधुनिक महत्व:


जगदगुरु शंकराचार्य की उत्तराखंड यात्रा और चारधाम की स्थापना ने न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से इस क्षेत्र को एक नई पहचान दी। उनकी दूरदर्शिता और अध्यात्मिक योगदान आज भी उत्तराखंड और पूरे भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।


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