उत्तराखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वित्तीय वर्ष 2021—22 के लिए 57,400.32 करोड रुपये का बजट पेश किया. बजट में हेल्थ, ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार को बढ़ावा और कृषि पर खास जोर दिया गया है. बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट जनता की उम्मीदों को पूरा करने में मददगार होगा.
इस बजट में विभिन्न माध्यमों से सरकार की कुल आय 57,024.22 लाख रुपये अनुमानित की गई है जिसमें राजस्व प्राप्तियां 44,151.24 करोड रुपये अनुमानित है. टैक्स से 20,195.43 करोड़ रुपये अनुमानित है. बजट में राजस्व व्यय 44,036.31 करोड रुपये जबकि पूंजीगत व्यय 13,364.01 करोड रुपये रहने का अनुमान रखा गया है.
वेतन भत्तों के लिए
राज्य सरकार के वेतन भत्तों के लिए 16,422.51 करोड रुपये का प्रावधान किया गया है जबकि पेशन और अन्य सेवानिवृत्ति के लाभों पर व्यय 6,400.19 करोड का अनुमानित है. ब्याज के भुगतान पर 60,052.19 करोड जबकि ऋण के भुगतान पर 4241.57 करोड प्रस्तावित है.
बजट में सबसे ज्यादा 29.58 फीसदी खर्चा वेतन भत्तों और मजदूरी पर प्रस्तावित है. इसके बाद अन्य व्ययों पर 15.79 फीसदी और निर्माण कार्यों पर 15.01 फीसदी और पेंशन पर 13.03 फीसदी खर्च किया जाना है.
खेती का बजट–
बजट में खेती और अनुसंधान के लिए 1,108 करोड रुपये, चिकित्सा और परिवार कल्याण के लिए 3,188 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. बजट में समेकित बाल विकास योजनांतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों को प्री-स्कूल किट और मेडिसिन किट उपलब्ध करवाने एवं कार्यकर्ताओं के लिए ड्रेस के रूप में 2 साड़ी उपलब्ध करवाने के लिए 15.43 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
अन्य क्षेत्रों में :
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत अल्पसंख्यक बाहुल्य विकासखंडों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि के लिए 40.35 करोड़ रुपये व अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति योजनांतर्गत आय-व्ययक में 25.65 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कुल 681 करोड़ के खर्च का अनुमान है.
बजट भाषण में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैण को राज्य की तीसरी कमिश्नरी बनाने की घोषणा भी की जिसमें कुमाउ एवं गढ़वाल के चार जिले शामिल किए जाएंगे.