चुनाव तिथियाँ:
- मतदान तिथि: 23 जनवरी 2024
- मतगणना तिथि: 25 जनवरी 2024
चुनाव की संरचना:
- उत्तराखंड में 112 नगर निकायों के लिए चुनाव होने हैं, जिनमें 16 नगर निगम, 31 नगर पालिका परिषद और 53 नगर पंचायतें शामिल हैं।
- नगर निगम चुनावों के तहत शहरों में मेयर, उप-मेयर और सभासद के पदों पर चुनाव होंगे।
नामांकन प्रक्रिया:
- नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि: 30 दिसंबर 2023
- नामांकन पत्रों की जांच: 31 दिसंबर 2023 और 1 जनवरी 2024 को होगी।
- नामांकन वापसी की अंतिम तिथि: 2 जनवरी 2024
- चुनाव चिन्ह आवंटन: 3 जनवरी 2024
चुनाव खर्च की सीमा:
- नगर प्रमुख (मेयर) पद के लिए खर्च सीमा 20 लाख रुपये तक निर्धारित की गई है।
- उप नगर प्रमुख के लिए खर्च सीमा 2 लाख रुपये है।
- सभासद के लिए खर्च की सीमा 3 लाख रुपये है।
जमानत राशि और नामांकन शुल्क:
- नगर प्रमुख (मेयर) के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों का नामांकन शुल्क 800 रुपये और जमानत राशि 12,000 रुपये है।
- एससी/एसटी/ओबीसी/महिला उम्मीदवारों के लिए नामांकन शुल्क 400 रुपये और जमानत राशि 6,000 रुपये है।
- उप नगर प्रमुख और सभासद पद के लिए भी अलग-अलग नामांकन शुल्क और जमानत राशि निर्धारित की गई है।
आरक्षण और सीटें:
- चुनावों के लिए आरक्षण सूची जारी की गई है, जिसमें नगर निगमों की सीटों को आरक्षित किया गया है।
- हल्द्वानी, अल्मोड़ा और श्रीनगर जैसे नगर निगमों में आरक्षण में बदलाव किया गया है।
निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश:
- आचार संहिता लागू की गई है, जिससे सभी उम्मीदवारों को निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पाबंद किया गया है।
- चुनाव में नकली मतदाताओं और धनबल के प्रभाव से बचने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
निर्वाचन आयोग की तैयारी:
- आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए सभी संसाधन जुटाए हैं।
- इवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा ताकि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक और फर्जी मतदान से मुक्त हो।
यह चुनाव उत्तराखंड में नगर विकास और प्रशासन की दिशा को प्रभावित करेंगे, और इसलिए राज्य के नागरिकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है।
उत्तराखंड में नगर निगम चुनाव 2024 के लिए आरक्षण की फाइनल सूची जारी की गई है, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप, विभिन्न नगर निगमों और नगर पंचायतों में मेयर, उप-मेयर और वार्ड सदस्य के पदों पर आरक्षण में परिवर्तन हुआ है।
मुख्य बदलाव:
- हल्द्वानी नगर निगम: यहाँ मेयर की सीट पहले ओबीसी के लिए आरक्षित थी, जिसे अब सामान्य (अनारक्षित) किया गया है।
- अल्मोड़ा नगर निगम: यहाँ मेयर की सीट पहले महिला के लिए आरक्षित थी, जिसे अब ओबीसी के लिए आरक्षित किया गया है।
- श्रीनगर नगर निगम: यहाँ मेयर की सीट पहले सामान्य (अनारक्षित) थी, जिसे अब महिला के लिए आरक्षित किया गया है।
- देहरादून नगर निगम: यहाँ मेयर की सीट सामान्य (अनारक्षित) रखी गई है, और छह वार्डों का आरक्षण बदला गया है।
- नगर पंचायत और नगर निगम: कुल 57 सीटों पर बदलाव किया गया है, जिनमें 11 नगर निगम और 46 नगर पंचायत शामिल हैं।
आरक्षण में बदलाव के कारण:
- आपत्तियाँ: जनता द्वारा प्रस्तुत आपत्तियों के आधार पर आरक्षण में संशोधन किया गया है।
- समीक्षा: शहरी विकास निदेशालय ने एक हजार से अधिक आपत्तियों का निस्तारण करते हुए 100 निकायों का आरक्षण तय किया है, जिनमें 39 निकायों का आरक्षण बदला गया है।
प्रभाव:
- चुनावी रणनीति: आरक्षण में हुए इन परिवर्तनों से उम्मीदवारों की रणनीति प्रभावित होगी, क्योंकि उन्हें अब नए आरक्षण के अनुसार अपनी तैयारी करनी होगी।
- समाज में प्रतिनिधित्व: आरक्षण में बदलाव से विभिन्न वर्गों और समुदायों का प्रतिनिधित्व प्रभावित होगा, जो स्थानीय प्रशासन में उनकी भागीदारी को प्रभावित कर सकता है