उत्तराखंड में कई प्रसिद्ध मेले होते हैं, जो धार्मिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व रखते हैं। ये मेले न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं।
1. कुम्भ मेला (Haridwar Kumbh Mela)
हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुम्भ मेला उत्तराखंड का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध मेला है। यह मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है और लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। कुम्भ मेला गंगा नदी में स्नान करने के लिए प्रसिद्ध है और यह हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण मेलों में एक माना जाता है। इस मेले के दौरान धर्म, संस्कृति और परंपरा का संगम देखने को मिलता है।
2. नंदा देवी मेला (Nanda Devi Mela)
नंदा देवी मेला उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में आयोजित होता है। यह मेला विशेष रूप से नंदा देवी के सम्मान में मनाया जाता है, जो कुमाऊं के प्रमुख देवताओं में एक मानी जाती हैं। यह मेला रानीखेत और आसपास के क्षेत्रों में आयोजित होता है, और इसमें लोक संगीत, नृत्य, खेल और पारंपरिक आयोजनों का आयोजन होता है।
3. माघ मेला (Magh Mela)
माघ मेला हरिद्वार में आयोजित होता है और यह विशेष रूप से गंगा स्नान के लिए प्रसिद्ध है। यह मेला माघ माह (जनवरी-फरवरी) में लगता है और इसमें लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के लिए आते हैं। माघ मेला हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और यहां धार्मिक अनुष्ठान, पूजा और कीर्तन होते हैं।
4. बैजनाथ मेला (Baijnath Mela)
बैजनाथ मेला उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के बैजनाथ क्षेत्र में मनाया जाता है। यह मेला भगवान शिव के प्रसिद्ध बैजनाथ मंदिर में आयोजित होता है और इसमें भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस मेले में पारंपरिक नृत्य और पूजा का आयोजन होता है।
5. सोनाचुरी मेला (Sonachuri Mela)
सोनाचुरी मेला उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आयोजित होता है और यह एक प्रसिद्ध लोक मेला है। इस मेले में स्थानीय कुमाऊं और गढ़वाली कलाकारों द्वारा लोक कला, संगीत, नृत्य और पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जाता है। यह मेला उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है।
6. रामनगर मेला (Ram Nagar Mela)
रामनगर मेला उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर में आयोजित होता है। यह मेला धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का संगम होता है। यहां विशेष रूप से रामायण और महाभारत से जुड़े धार्मिक कार्यक्रम, भजन, कीर्तन और नृत्य होते हैं। इसके अलावा, पारंपरिक खेल जैसे मटका फोड़ और रस्साकसी भी होते हैं।
7. चौबट्टाखाल मेला (Choubattakhal Mela)
यह मेला उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित चौबट्टाखाल में आयोजित होता है। यह मेला खासतौर पर गढ़वाली संस्कृति और लोक कला का उत्सव है। मेले में पारंपरिक खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जो दर्शकों को गढ़वाली संस्कृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं।
8. रूद्रप्रयाग मेला (Rudraprayag Mela)
रुद्रप्रयाग मेला रुद्रप्रयाग जिले में आयोजित होता है, जहां भगवान शिव के मंदिर का खास महत्व है। इस मेले में विशेष रूप से धार्मिक आयोजन होते हैं और श्रद्धालु यहां पूजा और स्नान के लिए आते हैं। इसके अलावा, पारंपरिक संगीत और नृत्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
9. गोपेश्वर मेला (Gopeshwar Mela)
गोपेश्वर मेला उत्तराखंड के चमोली जिले के गोपेश्वर में आयोजित होता है। यह मेला भगवान शिव के मंदिर में आयोजित होता है और इसमें विशेष धार्मिक अनुष्ठान और पूजा होती है। यह मेला मुख्य रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए प्रसिद्ध है।