“डिजिटल इंडिया: क्या वाकई गाँव तक पहुंची डिजिटल क्रांति?” Digital India: Has the Revolution Really Reached Rural India?

2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “डिजिटल इंडिया” अभियान की शुरुआत करते हुए वादा किया था कि देश के कोने-कोने तक इंटरनेट, डिजिटल सेवाएं और तकनीक की रोशनी पहुंचेगी।
लेकिन आज, लगभग एक दशक बाद, सवाल ये उठता है – क्या डिजिटल क्रांति सचमुच गाँवों तक पहुंची है या ये सिर्फ़ शहरी चमक तक ही सीमित रह गई है?


🔷 डिजिटल इंडिया अभियान का उद्देश्य

डिजिटल इंडिया योजना का मुख्य उद्देश्य था:

  • हर नागरिक को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना
  • सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाना
  • हर गांव में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सुविधा लाना
  • डिजिटल साक्षरता को बढ़ाना
  • डिजिटल रोजगार के अवसर तैयार करना

🔷 अब तक की उपलब्धियाँ

✅ 4G नेटवर्क और मोबाइल टावरों का तेज़ी से विस्तार
✅ गाँवों में CSC (Common Service Centres) की स्थापना
✅ डिजिटल भुगतान (UPI, BHIM, QR कोड) की पहुंच
✅ सरकारी योजनाओं जैसे PM-KISAN, DBT का सीधा लाभ ट्रांसफर
✅ डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड (Ayushman Bharat) जैसी सेवाएं


🔷 चुनौतियाँ जो आज भी बनी हुई हैं

इंटरनेट स्पीड और नेटवर्क समस्या

बहुत से गाँवों में आज भी मोबाइल नेटवर्क की समस्या है।

डिजिटल साक्षरता की कमी

बुजुर्ग, महिलाएँ और कई किसान आज भी स्मार्टफोन और ऐप का इस्तेमाल नहीं कर पाते।

महंगे स्मार्टफोन और डेटा पैक

ग्रामीण भारत में एक बड़ा वर्ग अभी भी स्मार्टफोन अफ़ॉर्ड नहीं कर सकता।

भाषाई बाधाएँ

अधिकतर डिजिटल सामग्री अंग्रेज़ी में होती है, जबकि गाँवों में स्थानीय भाषाओं की समझ अधिक होती है।


🔷 गाँवों में क्या सच में बदलाव दिखा है?

✅ कुछ राज्य जैसे केरल, कर्नाटक, गुजरात और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में डिजिटल साक्षरता मिशन ने अच्छे परिणाम दिए हैं।
✅ किसान अब eNAM, mKisan, PM-Kisan App जैसी डिजिटल सेवाओं का इस्तेमाल करने लगे हैं।
✅ छोटे व्यापारी और ग्रामीण दुकानदार भी QR कोड पेमेंट स्वीकार कर रहे हैं।


🔷 समाधान और सुझाव

📌 स्थानीय भाषा आधारित ऐप्स और पोर्टल बनाने चाहिए।
📌 सस्ते स्मार्टफोन स्कीम्स ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जरूरी हैं।
📌 डिजिटल साक्षरता अभियान स्कूलों, पंचायतों और महिला समूहों के माध्यम से चलाने चाहिए।
📌 सरकार और प्राइवेट सेक्टर को मिलकर 5G तकनीक का ग्रामीण विस्तार करना होगा।


डिजिटल इंडिया का सपना अधूरा नहीं है, लेकिन अभी भी गाँवों में इसकी पहुंच पूरी नहीं हो सकी है।
जहाँ एक ओर कुछ गाँव तकनीक से जुड़ चुके हैं, वहीं कई ऐसे भी हैं जहाँ अभी रोशनी की पहली किरण भी नहीं पहुँची है।
अब ज़रूरत है नीति, नियत और निष्पादन में सुधार की, ताकि डिजिटल इंडिया सच में “सभी के लिए डिजिटल” बन सके।


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