हर वर्ष सावन महीने में लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने-अपने शहरों तक पैदल यात्रा करते हैं। इसे कांवड़ यात्रा कहा जाता है। इस यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती होती है।
इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने वर्ष 2025 में “ऑपरेशन कालनेमि” (Operation Kalanemi) नाम से एक विशेष खुफिया और सतर्कता अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य कांवड़ यात्रा के दौरान आतंकी गतिविधियों, संदिग्ध व्यक्तियों और असामाजिक तत्वों की पहचान व निगरानी करना है।
🔶 ऑपरेशन कालनेमि क्या है? (What is Operation Kalanemi?):
- यह एक गोपनीय खुफिया अभियान (Intelligence-based Operation) है।
- इसमें सादी वर्दी में पुलिसकर्मी (Plain-clothed officers) भीड़ में आम लोगों की तरह घुलमिल कर संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखते हैं।
- यह ऑपरेशन विशेष रूप से उन व्यक्तियों या समूहों पर फोकस करता है जो भीड़ का फायदा उठाकर कानून व्यवस्था भंग कर सकते हैं।
🔶 नाम ‘कालनेमि’ क्यों रखा गया? (Why the Name ‘Kalanemi’?):
“कालनेमि” एक पौराणिक राक्षस था जो रूप बदलकर, छल करके भगवान हनुमान को रोकने की कोशिश करता है। इसी तर्ज़ पर यह ऑपरेशन उन छुपे हुए दुश्मनों की पहचान करने के लिए है जो आम लोगों का भेष धारण करके समाज में अव्यवस्था फैलाने की कोशिश करते हैं।
🔶 मुख्य उद्देश्य (Key Objectives):
- भीड़ में शामिल संदिग्धों की पहचान करना।
- साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों को पकड़ना।
- ड्रोन, सीसीटीवी, खुफिया सूचना और सादा वर्दी में पुलिस की मदद से निगरानी।
- कांवड़ मार्ग, शिवालयों और प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा चाक-चौबंद करना।
🔶 किन क्षेत्रों में चलाया गया ऑपरेशन? (Where Was It Conducted?):
- हरिद्वार, ऋषिकेश, कोटद्वार, नजीबाबाद, मंगलौर, लक्सर, रूड़की, भगवानपुर आदि क्षेत्रों में।
- ऑपरेशन को उत्तराखंड के सभी संवेदनशील मार्गों और धार्मिक स्थलों पर लागू किया गया।
🔶 ऑपरेशन की विशेषताएँ (Key Features of the Operation):
- AI आधारित कैमरे, CCTV और डिवाइसेज़ का प्रयोग।
- QR कोड से तीर्थयात्रियों की पहचान और ट्रैकिंग।
- भीड़ में पैठ बना चुके संदिग्धों की गोपनीय जांच।
- सामूहिक धार्मिक स्थलों पर विशेष निगरानी और दल-बल की तैनाती।
🔶 परिणाम और प्रभाव (Impact & Outcomes):
- कई संदिग्धों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार या हिदायत दी गई।
- सामाजिक मीडिया मॉनिटरिंग के जरिए भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई।
- आम जन में सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास बढ़ा।
- शांति, अनुशासन और सौहार्दपूर्ण माहौल में कांवड़ यात्रा संपन्न कराने की दिशा में प्रभावी कदम।
ऑपरेशन कालनेमि, उत्तराखंड पुलिस की एक साहसिक, रचनात्मक और भविष्यदृष्टि से प्रेरित पहल है। यह न सिर्फ कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि उत्तराखंड अब किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या असामाजिक तत्वों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
धार्मिक आस्था और सार्वजनिक सुरक्षा का यह संगम एक आदर्श उदाहरण है जो देश के अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकता है।