उत्तराखण्ड लोकनृत्य
गढ़वाल क्षेत्र का प्रमुख नृत्य जिसमें एक साथा टोली बनाकर नृत्य किया जाता है। यह श्रृंगारिक व प्रसन्नता आधारित नृत्य है। श्रृंगार भाव प्रधान नृत्य/प्रणय लोकनृत्य पार्वती ने भगवान…
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गढ़वाल क्षेत्र का प्रमुख नृत्य जिसमें एक साथा टोली बनाकर नृत्य किया जाता है। यह श्रृंगारिक व प्रसन्नता आधारित नृत्य है। श्रृंगार भाव प्रधान नृत्य/प्रणय लोकनृत्य पार्वती ने भगवान…
राज्य के कुछ अति प्रचलित लोकगीतों का विस्तृत विवरण निम्नलिखित है – संस्कारों के गीत (मांगल गीत)ऽ 16 संस्कारों के समय गाये जाने वाले।ऽ जन्म, छठी, नामकरण, चूड़ाकर्म, उपनयन, जनेऊ…
उत्तराखण्ड में लगभग 36 प्रकार के लोकवाद्य प्रचलित हैं।जिनको 5 श्रेणियों में विभाजित किया है। नोट – डमरू को संसार का प्रथम वाद्ययंत्र माना जाता है। ढोल-दमाऊं ढोल को सर्वप्रथम…