उत्तराखंड का  पारंपरिक खानपान और लोक व्यंजन…

उत्तराखंड का खानपान पहाड़ी जीवनशैली और प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित है। यहाँ का भोजन पोषक तत्वों से भरपूर, सादा और आसानी से पचने वाला होता है। गढ़वाली और कुमाऊंनी व्यंजन अपने अलग-अलग स्वाद और विशिष्ट पकाने के तरीकों के लिए जाने जाते हैं।

1. भट की चुड़कानी

यह काले भट (सोयाबीन के समान पहाड़ी दाल) से बनने वाली एक पारंपरिक डिश है। इसे धीमी आंच पर पकाकर मसालों के साथ बनाया जाता है, जिससे इसका स्वाद लाजवाब हो जाता है। यह प्रोटीन से भरपूर होती है और ठंडे मौसम में शरीर को गर्म रखने में मदद करती है।

2. गहत (कुलथ) की दाल

गहत एक पहाड़ी दाल है, जिसे सर्दियों में विशेष रूप से खाया जाता है। यह पाचन में सहायक होती है और किडनी स्टोन जैसी समस्याओं से बचाने में मदद करती है। इस दाल को पका कर या उससे पराठे भी बनाए जाते हैं।

3. आलू के गुटके

यह उत्तराखंड का एक लोकप्रिय स्नैक है, जिसे उबले हुए आलू को सरसों, मिर्च और मसालों के साथ भूनकर तैयार किया जाता है। इसे अक्सर भटवानी रोटी या पूरी के साथ परोसा जाता है।

4. चैंसू

यह काले उड़द की दाल से बनने वाली गढ़वाली डिश है। इसे धीमी आंच पर पकाया जाता है और घी के साथ परोसा जाता है। इसका स्वाद गाढ़ा और खुशबूदार होता है।

5. मंडुए की रोटी

मंडुआ (रागी) उत्तराखंड की एक प्रमुख फसल है, जिससे बनने वाली रोटी बहुत ही पौष्टिक होती है। यह कैल्शियम और फाइबर से भरपूर होती है और हड्डियों को मजबूत बनाती है। इसे आमतौर पर घी और गुड़ के साथ खाया जाता है।

6. सिसौंण (बिच्छू घास) का साग

यह एक खास पहाड़ी व्यंजन है, जो बिच्छू घास (Stinging Nettle) से बनाया जाता है। इसमें आयरन और अन्य पोषक तत्व अधिक होते हैं, जिससे यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

7. झंगोरा की खीर

झंगोरा (Barnyard Millet) उत्तराखंड का पारंपरिक अनाज है, जिससे बनने वाली खीर खास मौकों पर बनाई जाती है। यह स्वाद में लाजवाब होती है और हल्की-फुल्की मिठास लिए होती है।

8. भांग की चटनी

यह भांग के बीज, टमाटर और हरी मिर्च को पीसकर बनाई जाती है। इसका स्वाद हल्का तीखा और खट्टा होता है, जो उत्तराखंडी खाने को और भी खास बना देता है।

9. काफल का रस

काफल एक पहाड़ी फल है, जिससे बनने वाला रस बहुत ही स्वादिष्ट और सेहतमंद होता है। इसे गर्मियों में पीने से शरीर को ठंडक मिलती है।

10. सिंगोरी

यह उत्तराखंड की प्रसिद्ध मिठाई है, जिसे खोए और नारियल से बनाकर मालू के पत्ते में लपेटा जाता है। इसका स्वाद बहुत ही खास होता है और यह अल्मोड़ा की पहचान मानी जाती है।

निष्कर्ष

उत्तराखंड का खानपान न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिहाज से भी बहुत लाभदायक होता है। पारंपरिक व्यंजन मौसम और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं, जिससे पहाड़ी जीवनशैली का संतुलन बना रहता है। अगर कभी उत्तराखंड जाओ, तो इन व्यंजनों का स्वाद जरूर चखना

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *