बसंत पंचमी ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी माँ सरस्वती को समर्पित पर्व है। इसे विद्या और बुद्धि के आराधन का दिन माना जाता है। इस दिन बसंत ऋतु का स्वागत किया जाता है, जिससे प्रकृति में नई ऊर्जा और उल्लास आता है।
बसंत पंचमी मनाने के कारण
- माँ सरस्वती की उत्पत्ति – माना जाता है कि इस दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि में ज्ञान और संगीत का संचार करने के लिए माँ सरस्वती को प्रकट किया था। इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है।
- बसंत ऋतु का आगमन – इस समय मौसम सुहावना हो जाता है, खेतों में सरसों के पीले फूल खिलते हैं और आम के पेड़ों पर बौर आने लगते हैं।
- शिक्षा और विद्या का महत्व – इस दिन बच्चे शिक्षा की शुरुआत करते हैं, जिसे “अक्षरारंभ” या “विद्यारंभ” कहते हैं। स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में विशेष कार्यक्रम होते हैं।
- संस्कृति और परंपराएं – इस दिन पीले कपड़े पहनने, पतंग उड़ाने और संगीत-नृत्य के आयोजन की परंपरा है।
कैसे मनाते हैं?
- माँ सरस्वती की पूजा करके विद्या और ज्ञान की कामना की जाती है।
- पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
- मीठे और हल्के व्यंजन जैसे केसर युक्त खीर, पीला चावल आदि बनाए जाते हैं।
- कई स्थानों पर पतंगबाजी का आयोजन होता है