डिजिटल इंडिया: बदलते भारत का चेहरा

21वीं सदी को तकनीक और सूचना का युग कहा जाता है। जैसे-जैसे तकनीक का विकास हुआ है, वैसे-वैसे देशों के विकास की परिभाषाएं भी बदली हैं। भारत जैसे विशाल और विविधताओं से भरे देश में तकनीक का समावेश, शासन से लेकर नागरिकों के दैनिक जीवन तक परिवर्तन ला रहा है। इसी दिशा में भारत सरकार ने 1 जुलाई 2015 को ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य था – भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाना।

डिजिटल इंडिया अभियान: एक परिचय

डिजिटल इंडिया एक ऐसा अभियान है जिसका लक्ष्य भारत को पूरी तरह से डिजिटल रूप से कनेक्ट और सशक्त बनाना है। इसके अंतर्गत सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है, नागरिकों को डिजिटल पहचान दी जा रही है, और देशभर में इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है:

  • प्रत्येक नागरिक को डिजिटल साक्षर बनाना।
  • शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच डिजिटल खाई को पाटना।
  • प्रशासन को पारदर्शी, जवाबदेह और कुशल बनाना।

डिजिटल इंडिया के प्रमुख स्तंभ

डिजिटल इंडिया अभियान को 9 मुख्य स्तंभों पर आधारित किया गया है:

  1. ब्रॉडबैंड हाईवे
    • भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का प्रयास।
  2. मोबाइल कनेक्टिविटी का सार्वभौमिक उपयोग
    • 4G/5G नेटवर्क विस्तार और स्मार्टफोन की पहुंच।
  3. पब्लिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम
    • CSC (Common Service Centres) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सुविधाएं।
  4. ई-गवर्नेंस – सरकारी प्रक्रिया में सुधार
    • डिजिटल फॉर्म्स, ऑनलाइन आवेदन, ट्रैकिंग सिस्टम आदि।
  5. ई-क्रांति – सेवाओं का डिजिटल वितरण
    • शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय, कृषि जैसे क्षेत्रों में ई-सेवाएं।
  6. सूचना को नागरिकों तक पहुँचाना
    • ओपन डाटा और पोर्टल्स द्वारा पारदर्शिता।
  7. इलेक्ट्रॉनिक निर्माण को बढ़ावा
    • ‘मेक इन इंडिया’ के तहत मोबाइल, लैपटॉप, उपकरणों का देश में निर्माण।
  8. आईटी आधारित नौकरियां
    • डिजिटल सेवाओं के कारण BPOs, फ्रीलांसिंग, ऐप डेवलपमेंट में रोजगार।
  9. डिजिटल साक्षरता
    • पीएमजीदिशा (PMGDISHA) योजना द्वारा ग्रामीणों को डिजिटल ज्ञान।

डिजिटल इंडिया के प्रमुख उपकरण (Tools)

1. आधार (Aadhaar)

  • यह दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली है।
  • सरकारी योजनाओं, बैंकिंग, और सब्सिडी में आधार की भूमिका अहम है।

2. BHIM/UPI

  • डिजिटल भुगतान प्रणाली ने लेन-देन को आसान, सुरक्षित और त्वरित बना दिया है।

3. डिजीलॉकर (DigiLocker)

  • दस्तावेजों को डिजिटल रूप से स्टोर और शेयर करने की सुविधा।

4. उमंग ऐप (UMANG)

  • एक प्लेटफॉर्म पर 100+ सरकारी सेवाएं, जैसे PF, पासपोर्ट, गैस बुकिंग आदि।

5. CSC (कॉमन सर्विस सेंटर)

  • ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिक सेवाओं की डिजिटल उपलब्धता।

डिजिटल इंडिया के लाभ

1. शासन में पारदर्शिता

  • घूसखोरी और बिचौलियों पर लगाम।
  • डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे लाभ।

2. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं

  • ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल (SWAYAM, Diksha)।टेलीमेडिसिन सेवाएं और हेल्थ कार्ड।

3. रोजगार के नए अवसर

  • डिजिटल मार्केटिंग, फ्रीलांसिंग, कंटेंट क्रिएशन आदि।
  • डिजिटल ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा।

4. महिला सशक्तिकरण

  • घर से ऑनलाइन काम की सुविधा।
  • डिजिटल बैंकिंग के जरिए वित्तीय स्वतंत्रता।

5. पर्यावरणीय लाभ

  • कागज रहित कार्य प्रणाली से वृक्षों की कटाई में कमी।

डिजिटल इंडिया की चुनौतियाँ

1. डिजिटल डिवाइड (डिजिटल खाई)

  • शहरों और गांवों में तकनीकी सुविधाओं का अंतर।

2. साइबर सुरक्षा की चिंता

  • हैकिंग, डाटा चोरी, ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाएँ।

3. डिजिटल साक्षरता की कमी

  • बुजुर्गों और ग्रामीणों को तकनीक का सही उपयोग नहीं आता।

4. अवसंरचना की कमी

  • सभी क्षेत्रों में तेज़ इंटरनेट, इलेक्ट्रिसिटी और डिवाइसेज़ की अनुपलब्धता।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  1. PMGDISHA योजना – ग्रामीण भारत में डिजिटल साक्षरता।
  2. स्टार्टअप इंडिया – डिजिटल नवाचार को बढ़ावा।
  3. भारत नेट प्रोजेक्ट – 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को फाइबर ऑप्टिक से जोड़ना।
  4. 5G सेवाओं की शुरुआत – तेज और सुरक्षित इंटरनेट।
  5. नागरिक डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) – डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड्स का निर्माण।

कोविड-19 के दौरान डिजिटल इंडिया की भूमिका

  • लॉकडाउन के समय डिजिटल शिक्षा, वर्क फ्रॉम होम, डिजिटल भुगतान आदि ने देश को थमने नहीं दिया।
  • आरोग्य सेतु ऐप और कोविन पोर्टल ने स्वास्थ्य सेवाओं को कुशल बनाया।

भविष्य की संभावनाएं

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में अपार अवसर।
  • भारत, विश्व की सबसे बड़ी डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

डिजिटल इंडिया केवल एक तकनीकी परिवर्तन नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक और आर्थिक क्रांति है। यह नागरिकों को सशक्त बनाता है, सरकार को जवाबदेह बनाता है और भारत को 21वीं सदी में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में अग्रसर करता है। हालांकि, इसके पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए हमें शिक्षा, साइबर सुरक्षा और डिजिटल समावेशन पर विशेष ध्यान देना होगा। यदि इन चुनौतियों का समाधान हो सके, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत पूरी दुनिया के सामने एक ‘डिजिटल महाशक्ति’ बनकर उभरेगा।

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